हिंदी के प्रथम यात्रा वृतांत कौन सा है | Hindi ka pratham yatra vritant kaun sa hai



Hindi ka pratham yatra vritant kaun sa hai

क्या आप जानते हैं कि हिंदी का प्रथम यात्रा वृतांत कौन सा है नहीं तो हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे।

हिंदी का प्रथम यात्रा वृतांत सरयू पार की यात्रा है और इसके रचनाकार या लेखक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हैं। सरयू पार की यात्रा वृतांत का रचनाकाल 1871 ई. है। सरयू पार की यात्रा की विधा एक यात्रा वृतांत है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की यात्रा का लेखन वर्णन किया जाता है उसे यात्रा वृतांत कहते है।

एक यात्रा वृतांत एक व्यक्ति के यात्रा के अनुभवों का सच्चा लेखा जोखा होता है, जिसे आमतौर पर भूत काल में और पहले व्यक्ति में बताया जाता है।

एक यात्रा वृतांत का उद्देश्य किसी व्यक्ति के यात्रा के अनुभवों का सच्चा लेखा जोखा होना है, यात्रा करते समय यात्री बाहरी दुनिया में क्या देखता है, सुनता है और महसूस करता है। इसका वर्णन आवश्यक घटक हैं।
 

यात्रा वृतांत एक साहित्यिक विधा है, जिसमें वास्तविक या काल्पनिक स्थानों का लेखा जोखा होता है। इस शैली में कई शैलियों को शामिल किया गया है जो वृत्तचित्र से लेकर विचारोत्तेजक, साहित्यिक से पत्रकारिता और विनोदी से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। 

यात्रा वृतांत एक लंबे समय से स्थापित साहित्यिक प्रारूप है। एक प्रारंभिक उदाहरण दूसरी शताब्दी ईस्वी सन् के एक प्रसिद्ध लेखक पोसानियास का लेखन है, जिन्होंने अपनी टिप्पणियों के आधार पर ग्रीस का विवरण तैयार किया था।

Post a Comment

Previous Post Next Post