बाबा कांशीराम एक कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। बाबा कांशी राम का जन्म वर्तमान हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिले का एक गाँव डाडा सीबा में 11 जुलाई 1882 को हुआ था और उनका निधन ऊना में 15 अक्टूबर 1943 में हुआ था। बाबा कांशीराम के पिता का नाम लखनु राम और माता का नाम रेवती देवी था।
पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम को कहा जाता है। पहाड़ी गांधी का खिताब 1937 में गदडिवाला जनसभा में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था और सरोजिनी नायडू ने पहाड़ी बुलबुल का खिताब दिया था।
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद बाबा कांशीराम ने महात्मा गांधी के संदेश को कविताओं व गीतों के माध्यम से पहाड़ी भाषा में प्रसारित किया था।
Read More : 👉 Computer related important full form list | 👉 Top 10 largest seas in the world | 👉 Duniya ki 10 sabse lambi nadiyan | 👉 Father of All Subjects List
एक सम्मेलन के दौरान 1927 में बाबा कांशी राम और उनको साथियों को बलोच सिपाहियो द्वारा पीटा गया और उनकी ने गांधी टोपी को छीन लिया गया था। तब बाबा कांशीराम भारत की आजादी तक का काले कपड़े पहनने का सौगंध लिया था।
बाबा कांशीराम ने पहाड़ी कविताओं और छंदों के माध्यम से ब्रिटिशो के खिलाफ देशभक्ति का संदेश फैलाया था। इसके के लिए उन्हें 11 बार गिरफ्तार भी किया गया था। बाबा कांशीराम ने अपने जीवन के लगभग 9 वर्ष विभिन्न जेलों में बिताया था। बाबा कांशी राम के नाम पर 1984 में डाक टिकट जारी किया गया था।
Tags:
HP GK